मेरे दोहे
Sunday, October 6, 2019
दोहा संख्या 21
छिप कर देखे प्रेयसी, प्रेमी को दिन रैन
रही सदा इस आस में, कभी मिलेंगे नैन।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment